❤ New Shayari ❤
कभी हसाता है ये प्यार,
कभी रुलाता है ये प्यार,
हर पल की याद दिलाता है ये प्यार,
चाहो या न चाहो पर आपके होने का,
एहसास दिलाता है ये प्यार।
कभी रुलाता है ये प्यार,
हर पल की याद दिलाता है ये प्यार,
चाहो या न चाहो पर आपके होने का,
एहसास दिलाता है ये प्यार।
💨 New Shayari Images 💨
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है।
Sad shayari in Hindi
“ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा दुख दिल टूटने पर नही भरोसा टूटने पर होता है, क्योंकि हम किसी पर भरोसा कर के ही दिल लगाते है।”
“किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो, मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता है, लफ़्ज़ों को जोड़ने से पहले”
“तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा, वरना खेल तो इतने खेले है मैंने कि कभी भी हारा नहीं”
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।
भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत,
तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।
तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।
माँ की दुआ...
खयाल-ए-यार हर एक ग़म को टाल देता है,
सुकून दिल को तुम्हारा जमाल देता है,
ये मेरी माँ की दुआओ का फ़ैज़ है मुझपर,
मैं डूबता हूँ तो समंदर उछाल देता है।
सुकून दिल को तुम्हारा जमाल देता है,
ये मेरी माँ की दुआओ का फ़ैज़ है मुझपर,
मैं डूबता हूँ तो समंदर उछाल देता है।
चलती हुई हवाओ से खुशबू महक उठी है,
माँ-बाप की दुआओं से किस्मत चमक उठी है।
माँ-बाप की दुआओं से किस्मत चमक उठी है।
गरीब हूँ किसी ज़रदार से नहीं मिलता,
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नहीं मिलता,
जो हो सके तो इसको संभाल कर रखना,
ये माँ का प्यार है बाजार में नहीं मिलता।
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नहीं मिलता,
जो हो सके तो इसको संभाल कर रखना,
ये माँ का प्यार है बाजार में नहीं मिलता।
एक बेवफा को मैंने गले से लगा लिया,
हीरा समझ कर काँच का टुकड़ा उठा लिया,
दुश्मन तो चाहता था मुझको मिटाना मगर,
माँ की दुआओ ने शफ़ी मुझको बचा लिया।
हीरा समझ कर काँच का टुकड़ा उठा लिया,
दुश्मन तो चाहता था मुझको मिटाना मगर,
माँ की दुआओ ने शफ़ी मुझको बचा लिया।
~मोहम्मद शफ़ी कुरेशी
Bahut achha hi
ReplyDelete